फिल्म समाज का दर्पण हैं, हर युग में फिल्मों ने भारतीय समाज को प्रभावित करने का कार्य किया है| स्वतंत्रता पूर्व से लेकर, स्वतंत्रता के पश्चात नए भारत के निर्माण के स्वप्न हो, गरीबी के खिलाफ संघर्ष हो या राष्ट्रवाद का परचम फहराना हो| फिल्मों के माध्यम से फिल्मकारों ने समाज को दिशा देने का कार्य किया है| वर्तमान में हर मोबाइल में कैमरा आ जाने से लघु फिल्म बनाने का प्रचलन बढ़ा है| ऐसी सोद्देश्यपूर्ण, संवेदनशील, सकारात्मक सन्देश देने वाली फिल्में आज के समय की आवश्यकता है| लघु फिल्म बनाने का व्यवसाय भी तीव्र गति से बढ़ा है, परन्तु फिल्म निर्माण एक तकनीक एवं कला दोनों है, जिसका अध्ययन भी जरुरी है |
इसी को ध्यान में रखते हुए प्रताप गौरव केंद्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ महाराणा प्रताप जयन्ती के अवसर पर लघु फिल्म निर्माण कार्यशाला करने जा रहा है| उपरोक्त कार्यशाला 06 से 09 जून 2024 तक फिल्म निर्माण-निर्देशन तकनीक, पटकथा, संगीत, वितरण इत्यादि विषयों पर केंद्रित रहेगी |06 से 08 जून 2024 तक प्रतिदिन 3 घण्टे की कार्यशाला मिलाकर कुल 09 घण्टे की अवधि रहेगी| 09 जून को मास्टर क्लास रहेगी।